Sunday, 13 March 2022

सच है कि भगवान है

 ये तो सच हैं कि भगवान हैं....

देख कर वो भी परेशान हैं...

क्या कर रहे हम कर्म.....

हो रहा उनको भर्म...

क्या मैने भेजा ये इंसान हैं...   ये तो सच है...

हमको नहीं हैं फ़िक्र...

ना है कोई जिक्र...

ना है हमको सब्र...

ना है कोई भी खबर....

अपनी मस्ती में बस ध्यान हैं...  ये तो सच है....

क्यों लिया है जन्म...

किस लिये आये हम...

क्यों हम भूले शर्म ...

ममता प्यार किया खत्म...

क्यों करते नहीं परिश्रम...

बस पैसा ही अब तो पहचान है...   ये तो सच है....

अपनों से हो के दूर...

रहते है मद में चूर... 

हो गये है मज़बूर...

बस दिखावा ही तो बाकी है....

जिंदगी बन गई दुःख कि झांकी है....

मन में सबके शैतान है....

पल दो पल के ही मेहमान है.... ये तो सच है...









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पैसा ही सरकार

व्यापार बना जीने का आधार... हर चीज का बना लिया व्यापार... सब मरने मारने को है तैयार.. पैसा ही घर बार और बना गया जिगरी यार... क्यूंकि करते है...